उमर खालिद को मिली 7 दिन की अंतरिम जमानत, जानें किन मामलों का लगा है आरोप

उमर खालिद को मिली 7 दिन की अंतरिम जमानत, जानें किन मामलों का लगा है आरोप

उमर खालिद को परिवारिक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए 7 दिनों के लिए जमानत दी गई थी।

 

Umar Khalid: दिल्ली के अदालत ने बुधवार को दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद को अंतरिम जमानत दे दी है। उमर खालिद को परिवारिक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए 7 दिनों के लिए जमानत दी गई थी। तो आईए जानते हैं कि कौन है उमर खालिद और आखिर किन मामलों की वजह से वह 2020 से सजा काट रहे हैं।

 

कौन है उमर खालिद?

 

उमर खालिद दिल्ली के रहने वाले हैं और जेएनयू के छात्र थे। उनके पिता स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया के सदस्य और वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर्स डिग्री लेने के बाद उमर खालिद ने जेएनयू का रुख लिया यहां से मास्टर्स और एम फिल करने के बाद उन्होंने पीएचडी भी पूरी कर ली। पढ़ाई के साथ-साथ खालिद के दिलचस्प एक्टिविटीज में भी रही है। वह छात्र नेता रहे और कई सार्वजनिक मंचों से केंद्र की बीजेपी की सरकार के प्रति हमले करते रहे हैं। जेएनयू से पीएचडी करने वाले उमर खालिद ने 2016 में पहली बार सुर्खियां बटोरी जब जेएनयू में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ कथित तौर पर एक कार्यक्रम हुआ इसी इसके बाद खालिद समेत जेएनयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और सात अन्य स्टूडेंट के खिलाफ राष्ट्रीय द्रोह का केस दर्ज किया गया। यह भी आरोप लगाया गया कि कार्यक्रम के दौरान भारत विरोधी नारे लगाए गए।

 

किन आरोपों के कारण सज़ा काट रहें है खालिद?

आपको बता दें कि उमर खालिद इमाम और कई अन्य लोगों पर फरवरी 2020 के दंगों को कथित रूप से अंजाम देने के लिए गैर कानूनी गतिविधियां अधिनियम और विभिन्न आईपीसी धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। जिसके फलस्वरूप 53 लोगों की मौत हुई और 700 से अधिक लोग घायल भी हुए। दरअसल नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए खालिद ने एक ट्रायल कोर्ट के पहले के फैसले को चुनौती दी जिसमें उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसे दिल्ली दंगों में उमर खालिद का नाम आने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वे दिल्ली में ही सजा काट रहे हैं।